हौसले की वजह से ही चंदा कोचर आज तमाम महिलाओं की आदर्श हैं...
आईसीआईसी बैंक की सीईओ चंदा कोचर का नाम आज शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल हैं। मैनेजमेंट ट्रेनी की छोटी सी पोस्ट से बैंक के उच्चतम पद तक पहुंचने वाली चंदा की सफलता महिला सशक्तिकरण का एक आदर्श उदाहरण है। आज चंदा कई महिलाओं की प्रेरणा हैं। उनके जज्बे और मेहनत से उन्हें आगे बढ़ने की सीख मिलती है।
फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की सशक्त महिलाओं की सूची में जगह बनाने वाली चंदा का जन्म 17 नवंबर 1961 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ। उनकी स्कूली पढ़ाई जयपुर से हुई। इसके बाद वे मुंबई आ गईं जहां पर जय हिन्द कॉलेज से उन्होंने आर्ट्स में स्नातक की डिग्री हासिल की।
1982 में स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने मुंबई के जमनालाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडी से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की। चंदा हमेशा ही ब्राइट स्टूडेंट रहीं, मैनेजमेंट स्टडी में अपने शानदार परफॉर्मेन्स के लिए उन्हें वोकहार्ड्ट गोल्ड मेडल और कॉस्ट एकाउंटेंसी में सर्वाधिक अंक के लिए जेएन बोस गोल्ड मेडल दिया गया।
1984 में मास्टर डिग्री लेने के बाद चंदा ने आईसीआईसीआई बैंक में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में प्रवेश किया और अपने काम और अनुभव के साथ-साथ वे लगातार आगे बढ़ती गईं। उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक को सफलता के नए आयामों तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में ही बैंक ने अपने रीटेल बिजनेस की शुरुआत की।
बैंकिंग के क्षेत्र में अपने योगदान के कारण चंदा को कई अवॉर्डों से नवाजा गया जिसमें भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा पुरस्कार पद्म विभूषण शामिल है। इसके साथ ही वे उन दो महिलाओं में एक हैं जो कि इंडियन डॉमेस्टिक बैंक की हेड हैं। चंदा ने आईसीआईसीआई बैंक को एक बड़े रीटेल फाइनेंसर के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कई महिलाओं की प्रेरणास्त्रोत होने के साथ-साथ चंदा आज कई युवाओं की भी आदर्श हैं। जिनकी सफलता की कहानी से आज युवा आगे बढ़ने की सीख लेते हैं।..साभार वेबदुनिया
आईसीआईसी बैंक की सीईओ चंदा कोचर का नाम आज शक्तिशाली महिलाओं की सूची में शामिल हैं। मैनेजमेंट ट्रेनी की छोटी सी पोस्ट से बैंक के उच्चतम पद तक पहुंचने वाली चंदा की सफलता महिला सशक्तिकरण का एक आदर्श उदाहरण है। आज चंदा कई महिलाओं की प्रेरणा हैं। उनके जज्बे और मेहनत से उन्हें आगे बढ़ने की सीख मिलती है।
फोर्ब्स पत्रिका में दुनिया की सशक्त महिलाओं की सूची में जगह बनाने वाली चंदा का जन्म 17 नवंबर 1961 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ। उनकी स्कूली पढ़ाई जयपुर से हुई। इसके बाद वे मुंबई आ गईं जहां पर जय हिन्द कॉलेज से उन्होंने आर्ट्स में स्नातक की डिग्री हासिल की।
1982 में स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने मुंबई के जमनालाल बजाज इंस्टिट्यूट ऑफ बिजनेस स्टडी से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री हासिल की। चंदा हमेशा ही ब्राइट स्टूडेंट रहीं, मैनेजमेंट स्टडी में अपने शानदार परफॉर्मेन्स के लिए उन्हें वोकहार्ड्ट गोल्ड मेडल और कॉस्ट एकाउंटेंसी में सर्वाधिक अंक के लिए जेएन बोस गोल्ड मेडल दिया गया।
1984 में मास्टर डिग्री लेने के बाद चंदा ने आईसीआईसीआई बैंक में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में प्रवेश किया और अपने काम और अनुभव के साथ-साथ वे लगातार आगे बढ़ती गईं। उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक को सफलता के नए आयामों तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में ही बैंक ने अपने रीटेल बिजनेस की शुरुआत की।
बैंकिंग के क्षेत्र में अपने योगदान के कारण चंदा को कई अवॉर्डों से नवाजा गया जिसमें भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला तीसरा सबसे बड़ा पुरस्कार पद्म विभूषण शामिल है। इसके साथ ही वे उन दो महिलाओं में एक हैं जो कि इंडियन डॉमेस्टिक बैंक की हेड हैं। चंदा ने आईसीआईसीआई बैंक को एक बड़े रीटेल फाइनेंसर के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कई महिलाओं की प्रेरणास्त्रोत होने के साथ-साथ चंदा आज कई युवाओं की भी आदर्श हैं। जिनकी सफलता की कहानी से आज युवा आगे बढ़ने की सीख लेते हैं।..साभार वेबदुनिया
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